तिरुवनंतपुरम: केरल के मलप्पुरम में एक कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार लेने के लिए एक लड़की को मंच पर आमंत्रित करने को लेकर एक मुस्लिम विद्वान द्वारा आयोजकों को कथित तौर पर फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर देश के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक नेतृत्व की चुप्पी से ‘‘निराश’’ हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि वह केरल में नेतृत्व की चुप्पी से दुखी हैं।

खान ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं बहुत निराश हूं कि पूरा राजनीतिक नेतृत्व इसे लेकर चुप है। न केवल राजनीतिक नेतृत्व बल्कि अन्य लोग भी इस पर चुप हैं। मैं प्रत्येक पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से आगे आने और हमारी बेटियों की प्रतिष्ठा और सम्मान की रक्षा करने की अपील करता हूं।’’

उन्होंने राज्य में नेतृत्व की चुप्पी पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने उनसे कहीं ज्यादा कहा है।’’

जब एक पत्रकार ने जिक्र किया कि उक्त मुस्लिम विद्वान ‘समस्त’ का नेता है, जिसके केरल में 10,000 मदरसे हैं, तो खान ने कहा कि लोकतंत्र या कानून के शासन में उनकी संख्या मायने नहीं रखती।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके हजारों मदरसे हो सकते हैं, लेकिन उनकी संख्या के कारण मैं अपने अंत:करण की आवाज को नहीं दबने दूंगी। वे बहुत शक्तिशाली हो सकते हैं लेकिन उनके पास एक युवा प्रतिभाशाली लड़की को अपमानित करने का अधिकार नहीं है।’’

राज्यपाल ने कहा, ‘‘उनकी कितनी भी संख्या हो, ये मायने नहीं रखता है। आप लोकतंत्र में हैं, कानून के राज में हैं। चाहे आप कितने ही पहुंचे हुए क्यों न हो, कानून आपसे ऊपर है। यह न केवल कुरान के स्पष्ट आदेश का उल्लंघन है, बल्कि यह संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के प्रावधानों का भी स्पष्ट उल्लंघन है।’’

गौरतलब है कि यह घटना मलप्पुरम जिले में एक मदरसे की इमारत के उद्घाटन के दौरान की है, जहां हाल में छात्रों को सम्मानित किया गया था।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) नेता पनक्कड सैयद अब्बास अली शिहाब थंगल ने लड़की को स्मृति चिह्न प्रदान किया था। पुरस्कार दिए जाने के तुरंत बाद मुस्लिम विद्वान एम टी अब्दुल्ला मुसलियार ने आयोजकों से पूछा कि लड़की को मंच पर क्यों बुलाया गया।

गुस्से में दिख रहे मुसलियार को आयोजकों से कहते हुए सुना गया, ‘‘किसने 10वीं कक्षा की लड़की को मंच पर आमंत्रित किया? अगर आपने यह दोबारा किया तो....ऐसी लड़कियों को यहां मत बुलाइए। क्या आपको ‘समस्त’ के नियम नहीं पता? क्या आपने उसे बुलाया है? उसके माता-पिता को पुरस्कार लेने के लिए मंच पर आने को कहिए। जब हम यहां बैठे हो, तो ऐसी चीजें मत करना। यह तस्वीरों में दिखायी देगा और प्रसारित होगा।’’

लड़की का नाम पुकारने वाले व्यक्ति को मुसलियार से माफी मांगते हुए देखा गया।