तिरुवनंतपुरम : लोगों को कोविड-रोधी टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के मद्देनजर केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण जैसे कोविड बचाव संबंधी उपायों का पालन नहीं करने वालों को मुफ्त उपचार की सुविधा नहीं दी जाएगी।

राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, कोविड समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के उपचार का खर्च वहन नहीं करेगी जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया और संक्रमण की चपेट में आ गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमारी या एलर्जी आदि के चलते टीकाकरण कराने में असमर्थ लोगों को सरकारी डॉक्टर का प्रमाणपत्र पेश करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में एक दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच विशेष टीकाकरण अभियान चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं और जिलाधिकारियों को अभियान को ध्यान में रखते हुए तैयारियां करने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी कारणवश शिक्षक और शैक्षणिक संस्थानों के कर्मचारी कोविड-रोधी टीका नहीं लगवा पाए हैं तो उन्हें डॉक्टर का प्रमाणपत्र पेश करना होगा अथवा कक्षाएं लेने से पहले टीकाकरण करवाना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें हर सप्ताह अपने खर्च पर आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट पेश करनी होगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि ये निर्देश कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर काम करने वाले कर्मचारियों पर भी लागू रहेंगे।

इससे पहले, राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा कि टीका नहीं लगाने वाले किसी भी शिक्षक को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी।