अगरतला: त्रिपुरा के सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा में हाल में हुई सांप्रदायिक घटनाओं की रिपोर्टिंग करने आईं दो महिला पत्रकार एक राजनीतिक दल की एजेंट थीं।

मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों पत्रकार राज्य सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काना चाहती थीं।

चौधरी ने सोमवार रात सिविल सचिवालय में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, “ये दो, जो खुद को पत्रकार बता रही थीं, असल में यहां राजनीतिक दल के एजेंट के तौर पर आई थीं और राज्य में सांप्रदायिक दंगे जैसा माहौल बनाने की कोशिश की। उन्होंने हमारी सरकार के खिलाफ लोगों के एक हिस्से को भड़काने तक की कोशिश की। मुझे शक है कि वे पत्रकार हैं।”

त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक घटनाओं पर रिपोर्टिंग के लिए त्रिपुरा आईं एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क की दो महिला पत्रकार - समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को असम पुलिस ने रविवार को असम-त्रिपुरा सीमा के करीब करीमगंज के नीलम बाजार में हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें त्रिपुरा लाया गया और सोशल मीडिया पर भड़काऊ और फर्जी खबरें पोस्ट करने के आरोप में सोमवार सुबह औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।

अन्य लोगों के अलावा एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने महिला पत्रकारों की गिरफ्तारी का विरोध किया। बाद में दोनों महिला पत्रकारों को सोमवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

चौधरी ने आरोप लगाया कि उन दो पत्रकारों को उनके खिलाफ गोमती जिले के काकराबन में दर्ज एक मामले के संबंध में, अगरतला में पुलिस के सवालों का जवाब देने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने झूठे बयान दिए और बिना किसी सूचना के त्रिपुरा छोड़ दिया।