श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारतीय अंतरिक्ष तंत्र में निजी कंपनियों के शामिल होने से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की क्षमताओं में वृद्धि होगी।

भारत ने एक स्टार्टअप द्वारा विकसित रॉकेट का शुक्रवार को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और इसी के साथ देश की अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र के प्रवेश का ‘प्रारंभ’ हो गया।

देश के पहले निजी रॉकेट, विक्रम-एस के सफल प्रक्षेपण के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष उद्योग में निजी कंपनियों का प्रवेश भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का पूरक होगा।

सिंह ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की क्षमता का पूरक होगा, क्योंकि (पहले) हमारी कुछ सीमाएँ थीं। ”

उन्होंने कहा, ‘‘...यह इसरो की क्षमता का पूरक होगा, क्योंकि हमारी कुछ सीमाएं थीं। उसी तरह, हम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में भी संयुक्त उद्यम (उद्योग की भागीदारी के साथ) शुरू कर रहे हैं। मुझे लगता है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक नयी पहल है।"