नयी दिल्ली,: केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों के अलावा असम की सीमा से लगने वाले तीन अन्य जिलों के चार पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों की जारी गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने इन जिलों और इलाकों को “अशांत’’ घोषित किया है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लॉन्गडिंग जिलों तथा असम की सीमा से लगने वाले चार पुलिस थाना क्षेत्रों को अफस्पा के तहत “अशांत” क्षेत्र घोषित किया गया है।

अधिसूचना में कहा गया, “अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लॉन्गडिंग जिलों और असम राज्य की सीमा से लगने वाले अरुणाचल प्रदेश के अन्य जिलों के चार पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले इलाकों को एक अप्रैल, 2021 से 30 सितंबर, 2021 तक सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून, 1958 की धारा तीन के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।”

ये चार पुलिस थाने नामसाई जिले के नामसाई और महादेवपुर थाने, लोअर दिबांग वैली जिला का रोइंग पुलिस थाना और लोहित जिले का सुनपुरा थाना है।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह फैसला तीन जिलों और संबंधित चार पुलिस थाना क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के बाद लिया गया है।

अफस्पा सुरक्षा बलों को बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने, किसी परिसर में प्रवेश या तलाश करने समेत कई अन्य कार्य का अधिकार देता है।

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन - नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन-के), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) अरुणाचल प्रदेश के इन इलाकों में सक्रिय हैं।