ईटानगर : केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से पहले, केंद्र की विभिन्न सरकारों की अदूरदर्शी नीतियों के कारण पूर्वोत्तर क्षेत्र को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि लेकिन, 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ साल के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र की कार्य संस्कृति में क्रांतिकारी बदलाव आया है। सिंह यहां दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। उनके साथ अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी थे।

भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने अरुणाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से 18 से 19 अगस्त तक सम्मेलन का आयोजन किया जिसका विषय 'प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से नागरिकों और सरकार को करीब लाना' था।

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र को आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उस समय की केन्द्र सरकारों की नीतियां अदूरदर्शी थीं लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश के अधिक विकसित क्षेत्रों के बराबर लाने के सभी प्रयास किए जाएंगे।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री अरुणाचल प्रदेश को पूर्व एशिया का प्रमुख द्वार बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अरुणाचल प्रदेश की भूमिका देखते हुए आधुनिक अवसंरचना तैयार की जा रही है। प्रकृति ने अरुणाचल प्रदेश को अपना खजाना दिया है और केन्द्र अरुणाचल प्रदेश की पर्यटन क्षमता को पूरे विश्व तक ले जाने का प्रयास कर रहा है।’’

मुख्यमंत्री खांडू ने कहा कि शासन में परिवर्तन लाने तथा शासन को लोगों के निकट लाने के लिए प्रशासनिक सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पारदर्शिता, उत्तादायित्व के लिए सुधारों को निरंतर अपना रही है तथा फाइलों का तेजी से निस्तारण हो रहा है।