गुवाहाटी : असम में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह विपक्षी महागठबंधन की इस पराजय का विश्लेषण करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी।

विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि असम जातीय परिषद (एजेपी) और रायजोर दल के कारण उन्हें असम के ऊपरी क्षेत्र में करीब 10 सीटों का नुकसान हुआ है। जिसके कारण चुनाव का परिणाम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पक्ष में चला गया।

असम की 126 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 50 सीटें मिली हैं जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ मोर्चे ने 75 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है। निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ने वाले रायजौर दल को केवल एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जितेन्द्र सिंह ने कहा, “महागठबंधन से सलाह मशविरा करने के बाद हम एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेंगे। इससे हमारी हार के कारणों का पता लगेगा। इससे हमें अपनी भविष्य की रणनीति में सुधार करने के सुझाव भी मिलेंगे।”

असम कांग्रेस के प्रभारी ने भाजपा पर निर्वाचन आयोग का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस चुनाव के दौरान ईवीएम मशीनों के गैर-आवश्यक आवागमन के अलावा कई अनियमिततायें सामने आई हैं।

सिंह ने कहा, “लोगों और राजनीतिक दलों का चुनाव आयोग पर विश्वास बने रहना बहुत ही आवश्यक है। हम निश्चित रूप से इसको लेकर चुनाव आयोग से सवाल कर जवाब मांगेंगे।”

चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बधाई दी और कहा कि महागठबंधन राज्य में एक जिम्मेदार और मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा करेगा।

सिंह ने भाजपा और रायजोर दल पर कहा, “उनके कारण हमें 10 सीटों का नुकसान हुआ है। रायजोर दल को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।”

हालांकि 2016 के मुकाबले कांग्रेस को तीन सीटों का फायदा हुआ है। पार्टी को सात ऐसी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा जहां वोटों का अंतर पांच हजार से कम रहा।

असम कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा के इस्तीफे के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वह कठिन परिश्रम करने वाले नेता हैं और साथ ही बोरा से इस्तीफा वापस लेने की भी अपील की।

सिंह ने कहा, “उनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं किया गया है जिसका फैसला आलाकमान को करना है। मैं व्यक्तिगत रूप से उनसे पद पर बने रहने की अपील करता हूं। राज्य इस समय कोरोना महामारी का सामना कर रहा है और पार्टी को उनकी जरुरत है।”

चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए बोरा ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और अपना त्यागपत्र कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था।

उन्होंने कहा, “असम के कई लोग राज्य से बाहर रह रहे हैं और उन्हें इस महामारी के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें तत्काल मदद की जरुरत है। सरकार को एक आंकड़ा तैयार कर उनकी मदद करनी चाहिए।”