गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम में एक लाख से अधिक जातीय मूल के भूमिहीनों को जमीन का ‘पट्टा’ या आवंटन प्रमाणपत्र देने से संबंधित असम सरकार के विशेष कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।

आजादी के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे’ दिये जाएंगे।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशकों से अनिश्चितता के बीच जीवन बिता रहे जातीय मूल के एक लाख से अधिक लोगों को जमीन का ‘पट्टा’ देने से संबंधित कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करेंगे। असम में अब तक किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने लोगों के अनुकूल ऐसी पहल नहीं की थी।’’

कार्यक्रम का आयोजन शिवसागर जिले में जेरेंगा पोतहर में होगा। इस ऐतिहासिक स्थान का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है।

सोनोवाल ने कहा कि संदिग्ध अवैध अप्रवासियों ने सरकारी भूमि, जनजातीय खंडों का अतिक्रमण किया था लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें हटाने के लिए कदम उठाए और जातीय मूल के लोगों को जमीन उपलब्ध करायी जिनमें से अधिकतर आदिवासी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और चाय बागान में काम करने वाले पूर्व श्रमिक शामिल हैं।

सोनोवाल ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और ‘जाति, माटी और भीटी (मूल)’ की रक्षा के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने यह कदम उठाया है।