गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने नगालैंड में उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान आम लोगों के मारे जाने पर रविवार को शोक व्यक्त किया।

इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि विशेष जांच टीम (एसआईटी) जिसका गठन मामले की जांच के लिए किया गया है, सच्चाई सामने लाएगी और न्याय सुनिश्चित करेगी।

सरमा ने ट्वीट किया,‘‘ नगालैंड में सोमवार को उग्रवाद रोधी अभियान के दौरान 13 आम लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से गहरी पीड़ा में हूं। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’’

पुलिस ने रविवार को बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा मोन जिले में गोलीबारी की दो घटनाओं में कम से कम 13 आम लोगों की मौत हो गई है जबकि 11 अन्य घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पहली घटना संभवत: गलत पहचान की है।

उन्होंने बताया कि पहली गोलीबारी की घटना उस समय हुई जब सेना के जवानों ने कोयला खदान में काम करके शनिवार को पिकअप वैन से आ रहे मजदूरों को प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड- के (एनएससीएन-के) के युंग अंग गुट का उग्रवादी समझ लिया। इस गोलीबारी में छह लोगों की मौत हुई है।

पुलिस ने बताया कि घटना के बाद मजदूरों को तलाशते पहुंचे लेागों ने सेना के वाहन में आग लगा दी और एक सैनिक की इस घटना में मौत हो गई। सैनिकों ने इसके बाद आत्मरक्षा में गोली चलाई जिसमें सात और आम लोगों की मौत हो गई।