दार्जिलिंग: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने पर लंबे समय से चली आ रही ‘गोरखा समस्या’ का राजनीतिक समाधान ढूंढने का मंगलवार को आश्वासन दिया।

शाह ने यहां जनसभा के दौरान कहा कि देश का संविधान ‘विस्तृत’ है और इसमें सभी समस्याओं के हल का प्रावधान है।

शाह ने कहा, ‘‘मैं वादा करता हूं कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार - एक केंद्र में और दूसरी बंगाल में- गोरखा समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान निकाल लेगी। आपको अब प्रदर्शनों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।’’

हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस समस्या की बात कर रहे हैं।

गोरखा समुदाय बहुत समय से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है और पिछले कुछ वर्षों में कई आंदोलन भी किए गए।

गोरखा समुदाय को भारत का गौरव बताते हुए शाह ने कहा कि कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की कोई योजना नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता भी है तो गोरखा समुदाय को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।’’

शाह ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में विकास कार्य पर ‘‘पूर्ण विराम’’ लगा दिया है और कहा कि यह वह स्थान है जहां सत्तारूढ़ टीएमसी के नेता फुर्सत में आते हैं।

बनर्जी हाल के दिनों में कई बार दार्जिलिंग आई थीं लेकिन उन्होंने क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटों के लिए कोई प्रचार नहीं किया। क्षेत्र में 17 अप्रैल को मतदान होगा।

शीर्ष भाजपा नेता ने दावा किया कि टीएमसी सु्प्रीमो ने ‘‘कुछ’’ गोरखाओं के खिलाफ आपराधिक मामला चलवाकर भाजपा और गोरखा समुदाय के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को खराब करने की कोशिश की।

शाह ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘दीदी ने कई की हत्या करवाई और कई के खिलाफ मामले चलवाए। भाजपा सत्ता में आने के बाद, ऐसे लोगों के अपराध क्षमा करेगी।’’

भाजपा के पूर्व सहयोगी, जीजेएम नेता बिमल गुरुंग 2017 में हिंसक आंदोलन का कथित तौर पर नेतृत्व करने के बाद उनके खिलाफ लगाए गए कई आपराधिक आरोपों के बाद बहुत दिन तक छिपे रहे थे। पिछले साल अक्टूबर में सामने आने के बाद उन्होंने टीएमसी से हाथ मिला लिया था।

राज्य प्रशासन ने इनमें से कुछ मामलों को वापस लेने के लिए अब अदालत का रुख किया है।