माथाभांगा (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान सीआईएसएफ की गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवारों से बुधवार को मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि मामले की जांच कर दोषी लोगों को सजा दिलाई जाएगी।

ममता ने इस बात पर खेद जताया कि कूच बिहार में नेताओं के प्रवेश पर लगाए गए 72 घंटों के प्रतिबंध के चलते वह मृतकों के परिजनों से पहले नहीं मिल पाईं।

गौरतलब है कि कूच बिहार में सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा कथित तौर पर आत्मरक्षा के लिए चलाई गई गोली में चार लोगों की मौत हो गई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी जांच में इस निर्मम हत्या के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति का पता लगाया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिले।”

ममता ने पिछले हफ्ते घटना के तुरंत बाद कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में सीआईडी जांच कराएगी।

उन्होंने कहा कि वह पहली बार वोट देने जा रहे 18 साल के आनंद बर्मन के परिवार के लिए भी न्याय सुनिश्चित करेंगी, जिसकी इसी जिले में मतदान केंद्र के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने गोलीबारी में मारे गए चारों लोगों के परिवारों के साथ ही बर्मन के दादा और मामा सहित परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत की।

ममता ने कहा, " मैं चुनाव खत्म (दो मई) होने के तुरंत बाद फिर आऊंगी। हम हरसंभव तरीके से आपकी मदद करेंगे।"

उन्होंने यह भी कहा कि मारे गए पांच लोगों की याद में एक ‘शहीद स्तंभ’ बनाया जाएगा।

कूच बिहार के सीतलकूची में हिंसा की घटनाओं के बाद निर्वाचन आयोग ने 72 घंटों तक नेताओं के जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी थी।

इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तूफान पैदा हो गया था, और ममता ने उसे "नरसंहार" करार दिया था जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें "तुष्टीकरण की राजनीति" में शामिल होने को लेकर आगाह किया था।

अमित शाह ने यह आरोप भी लगाया था कि ममता बनर्जी ने लोगों को केंद्रीय बलों के जवानों का घेराव करने की सलाह दी थी और उसी के बाद लोगों ने सीआईएसएफ जवानों पर हमला किया जिससे यह घटना हुयी।