कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया कि राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश के धर्मनिष्ठ हिंदू ममता बनर्जी को नकार देंगे।

अधिकारी की यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी (सपा) के उस दावे के एक दिन बाद आई है जिसमें कहा गया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश में सपा के पक्ष में अखिलेश यादव के साथ संयुक्त प्रचार अभियान चलाएंगी।

भाजपा नेता ने कहा कि बंगाल में एक समुदाय को लेकर बनर्जी की तुष्टीकरण नीति के मद्देनजर उत्तर प्रदेश का सनातन हिंदू समुदाय खासकर मथुरा, वृंदावन और वाराणसी के लोग उन्हें नकार देंगे।

अधिकारी ने यह भी कहा कि ममता सरकार ने बंगाल में पूजा और मुहर्रम के एक साथ पड़ने पर दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन पर रोक लगा दी थी।

खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित करने की ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षा पर हमला करते हुए अधिकारी ने कहा कि ममता के अभियान से सपा को फायदा कम और नुकसान अधिक होगा।

नंदीग्राम से विधायक अधिकारी ने कहा, ‘‘उनकी (बनर्जी) उपस्थिति विपरीत परिणाम देगी क्योंकि बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा के दौरान राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ की गई क्रूरता ने पूरे देश की चेतना को झकझोर दिया है जिससे आम आदमी तृणमूल कांग्रेस का विरोधी हो गया है।’’

अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘शुभेन्दु अधिकारी आज जो भी हैं, अपने राजनीतिक करियर और एक पूर्व मंत्री के रूप में, वह ममता बनर्जी के कारण ही हैं। हालांकि उनमें कृतज्ञता का बोध नहीं है।’’

घोष ने कहा, ‘‘अधिकारी को सबसे पहले यह बताना चाहिए कि क्यों उनके पिता सिसिर अधिकारी सांसद की कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं, जबकि वह तृणमूल कांग्रेस के टिकट से वर्ष 2019 में चुने गए थे। पिछले साल जनवरी में अमित शाह को समर्थन देने का वादा करने के बाद उन्हें तृणमूल कांग्रेस के सांसद के रूप में नहीं बने रहना चाहिए। इस पर शुभेन्दु चुप क्यों हैं?’’