नयी दिल्ली, :पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यहां विपक्षी नेताओं की बैठक में अपनी टिप्पणी के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की निंदा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के एक मामले में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी ईडी के समक्ष पेश हुए और जांच एजेंसी ने उनसे ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) और इसका स्वामित्व रखने वाली कंपनी ‘यंग इंडियन’ से जुड़े निर्णयों में उनकी ‘निजी भूमिका’ के बारे में पूछताछ की।

इस बैठक में 17 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे और इस बैठक का मकसद राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार को उतारने पर आम सहमति बनाना था। इसमें बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव "2024 की प्रस्तावना" है।

सूत्रों ने कहा कि बनर्जी ने टिप्पणी की कि पिछले आठ वर्षों के भाजपा शासन के दौरान, "अच्छे दिन" के नारे का पर्दाफाश हुआ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान केंद्र-राज्य संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं, जब भाजपा पार्टी ने देश के संघीय ढांचे पर "हमले" शुरू कर दिए हैं और "राज्यों का दर्जा नगरपालिका जैस कर दिया गया है। ”

उन्होंने "विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग" को लेकर सरकार पर निशाना साधा।

इस संदर्भ में, उन्होंने राहुल गांधी के साथ-साथ उनके भतीजे और पार्टी सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की निंदा की।

बनर्जी ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली में "कानून की उचित प्रक्रिया के बिना" बुलडोजर के इस्तेमाल की भी निंदा की और आरोप लगाया कि इस तरह के कार्यों से भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है।

उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में, विपक्षी दलों ने एक साझे उम्मीदवार को उतारने का फैसला किया है जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है।

बनर्जी ने यह भी कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि लगभग "सभी दलों" ने अपने प्रतिनिधियों को बैठक में भेजा और कई दलों के वरिष्ठ नेता इसमें उपस्थित रहे।

उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की, जो इस समय अस्पताल में भर्ती हैं और कोविड से उबर रही हैं।