नंदीग्राम (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत की। उन्होंने भाजपा के शुभेंदु अधिकारी को ध्यान में रखकर यह कदम उठाया है जिन्होंने 2016 में तृणमूल उम्मीदवार के तौर पर यह सीट जीती थी।

मुख्यमंत्री ने यहां एक रैली में कहा कि दूसरे दलों में जाने वालों को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं क्योंकि जब तृणमूल कांग्रेस बनी थी, तब उनमें से कोई नहीं था। उनका इशारा अधिकारी समेत उन पार्टी नेताओं की ओर था जो भाजपा में शामिल हो गये हैं।

उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने पिछले कुछ सालों के दौरान ‘अपने द्वारा लुटे गये’ धन को बचाने के लिए पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) छोड़ी।

बनर्जी ने कहा, ‘‘ मैंने हमेशा से नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की है। यह मेरे लिए भाग्यशाली स्थान है। इस बार, मुझे लगा कि यहां से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी से इस सीट से मेरा नाम मंजूर करने का अनुरोध करूंगी।’’

मंच पर मौजूद बख्शी ने तुरंत अनुरोध स्वीकार कर लिया।

राज्य में 2000 के दशक में पूर्बा मेदिनीपुर के नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण को लेकर चले आंदोलन के चलते ही बनर्जी, 2011 में सत्ता में पहुंची थीं और 34 साल से जारी वाम शासन पर पूर्ण विराम लगा था। हालांकि पाला बदलकर भाजपा का हाथ मिला चुके अधिकारी आरोप लगा रहे हैं कि जिस क्षेत्र ने बनर्जी को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने में मदद पहुंचायी, उस क्षेत्र के लोगों की उन्होंने भुला दिया।

बनर्जी फिलहाल दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर से विधायक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यदि संभव हुआ तो मैं भवानीपुर और नंदीग्राम दोनों जगहों से चुनाव लडूंगी। यदि मैं भवानीपुर से चुनाव नहीं लड़ पायी तो कोई और वहां से चुनाव लड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि वह ‘कुछ लोगों ’ को बंगाल को भाजपा के हाथों नहीं बेचने देंगी।

‘‘जो पार्टी से चले गये, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। उन्हें देश का राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति बनने दीजिए। लेकिन आप बंगाल को भाजपा के हाथों बेचने का दुस्साहस नहीं करें। जब तक मैं जिंदा हूं, मैं उन्हें अपने राज्य को भाजपा के हाथों नहीं बिकने दूंगी।’’