पश्चिम बंगाल चुनाव  में आए नंदीग्राम के नतीजों को लेकर अदालत पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  की तरफ जज को बदलने की मांग उठाई गई है.

राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस  ने आरोप लगाया है कि जस्टिस कौशिक चंदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के करीबी हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि जस्टिस ने कई मौकों पर बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा किया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई अगले गुरुवार तक के लिए टाल दी है.

सीएम बनर्जी के वकील ने कार्यावाहक मुख्य न्यायाधीश को याचिका किसी और जज को देने की मांग की है. हाईकोर्ट में सीएम की तरफ से दायर की गई याचिका में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की जीत को चुनौती दी गई थी. हालांकि, इस दौरान केवल सीएम ही नहीं टीएमसी ने चुनाव के दौरान करीबी मुकाबलों में पार्टी नेताओं की हार को लेकर हाईकोर्ट में चार और याचिकाएं भी दायर की हैं. इनमें गोघाट, बलरामपुर, बनगांव दक्षिण और मोयना विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इन याचिकाओं की हाईकोर्ट की चार अलग-अलग पीठों ने सुनवाई की थी.

टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि चंदा ने राज्य के प्रमुख दिलीप घोष समेत बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा किया है. यह भी कहा गया है कि जस्टिस ने कई मामलों में बीजेपा का प्रतिनिधित्व भी किया है. राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कुछ तस्वीरें सामने रखी हैं, जिनमें जस्टिस चंदा कथित रूप से बीजेपी नेताओं के बगल में बैठे हुए नजर आ रहे हैं.


इसके अलावा सीएम के वकील संजय बसु की तरफ से लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि चंदा बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे. हाल ही में जब मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस चंदा की स्थाई नियुक्ति को लेकर सीएम बनर्जी की राय ली, तो उन्होंने इसका विरोध किया था. उन्होंने मामला किसी अन्य जज को सौंपने की मांग की है.

बीजेपी ने भी साधा टीएमसी पर निशाना

बीजेपी ने बनर्जी पर न्यायपालिका की छवि खराब करने का आरोप लगाया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'अगर मामले में कुछ सार होता, तो टीएमसी ये मुद्दे उठाती ही नहीं. टीएमसी किसी अदालत, कानून और संविधान को नहीं मानती है. इसलिए वे... कानून व्यवस्था को बदनाम करने की कोशिश रहे हैं. वास्तव में वे कानूनी जंग हारने से डरते हैं.'