कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव पर ‘‘कड़ी आपत्ति’’ व्यक्त करते हुए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया। बनर्जी ने दावा किया कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव करने से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा।

बनर्जी ने हाल में लिखे दो पन्ने के पत्र में आरोप लगाया कि प्रस्तावित संशोधन ‘‘सहकारी संघवाद की भावना’’ के खिलाफ है।

उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘मैं कैडर नियमों में इस तरह के संशोधन का प्रस्ताव करने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर अपना कड़ा विरोध व्यक्त करती हूं, जो एकतरफा रूप से राज्य सरकार के लिए प्रतिनियुक्ति के वास्ते केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के तहत निर्धारित संख्या में अधिकारियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य करता है।’’

केंद्र ने आईएएस कैडर नियमों में एक संशोधन प्रस्तावित किया है जो उसे राज्य सरकारों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने में सक्षम बनाएगा।

केंद्र ने अपने संशोधन में, आईएएस (कैडर) नियम, 1954 के नियम 6 में एक प्रावधान सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी आईएएस अधिकारी को संबंधित राज्य सरकार की सहमति से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जा सकता है।

इसने आईएएस कैडर (नियम) में संशोधन के अपने प्रस्ताव में हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आईएएस अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है।

बनर्जी ने लिखा, ‘‘प्रस्तावित संशोधन न केवल सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है, बल्कि आईएएस-आईपीएस अधिकारियों की पदस्थापना के मामले में केंद्र और राज्यों के बीच मौजूदा सौहार्दपूर्ण समझौते को भी प्रभावित करता है।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के माध्यम से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह न केवल राज्यों के प्रशासन को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्यों के प्रशासन का आकलन और योजना बनाना भी असंभव हो जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे इस बात पर विचार करने के लिए अनुरोध करती हूं कि मौजूदा ढांचे में डिजाइन किए गए संवाद और परामर्श की पारस्परिक भावना को एकपक्षीयता से प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि प्रस्तावित संशोधन को वापस लेकर या लागू नहीं करके कैडर नियमों की संघीय भावना को बरकरार रखें।’’

उल्लेखनीय है कि पिछले साल पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र ने अचानक प्रतिनियुक्ति पर बुला लिया था। ममता बनर्जी सरकार ने बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं किया था और मामला अभी भी अदालत में लंबित है। बंदोपाध्याय 31 मई, 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे।