नयी दिल्ली:  पश्चिम बंगाल के लिये कांग्रेस के प्रभारी जितिन प्रसाद ने आरोप लगाया है कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ‘अहम की लड़ाई’ में व्यस्त हैं।

उन्होंने रविवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-वाम गठबंधन लोगों को विकल्प देने के लिए है, जो रोजी-रोटी के मुद्दे को लेकर प्रतिबद्ध है और बंगाल की पहचान के लिए लड़ रहा है।

प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस यथा शीघ्र वाम दलों के साथ सीटों का समझौता करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए गठित समिति चर्चा के दौरान सीटों की ‘विशेषता’ पर ध्यान केंद्रित करेगी जिन पर पार्टी लड़ेगी।

प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि पार्टी की राज्य इकाई और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मिलकर काम कर रही हैं और दिल्ली में “कोई बैठ कर निर्देश नहीं दे रहा’’, पार्टी के हित में जो भी होगा उसे सभी हिताधारकों को भरोसे में लेकर किया जाएगा।

एआईसीसी में पश्चिम बंगाल के प्रभारी ने कहा कि राज्य से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा से बड़े पैमाने पर प्रचार कराने की मांग है और दावा किया कि सही समय आने पर शीर्ष नेतृत्व प्रचार करेगा।

वाम दलों से सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा, ‘‘सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया और वार्ता जारी है और हम इसे यथा शीघ्र करना चाहते हैं, हमे समय से पहले अपने उम्मीदवारों को तय कर लेना चाहिए ताकि हम उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर सकें जहां पार्टी लड़ेगी।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने को इच्छुक हैं ताकि हम ठोस संयुक्त कार्यक्रम बना सके जिससे आसानी से मतों का हस्तांतरण हो सके।’’

सीट बंटवारे को लेकर हो रही वार्ता के समाप्त होने की समय सीमा पर किए गए सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है जिसमें विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता अब्दुल मनन, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य और नेपाल महतो शामिल हैं।

प्रसाद ने कहा, ‘‘यह समिति विशेषज्ञता व जानकारी से परिपूर्ण है और वह फैसला (सीट बंटवारे का) न केवल संख्या के संदर्भ में बल्कि सीटों की गुणवत्ता के आधार पर लेगी जिनपर पार्टी लड़ेगी।’’

राज्य में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित नहीं करने का आरोप लगाते हुए प्रसाद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में यह चुनाव भाजपा नीत केंद्र सरकार के प्रदर्शन और राज्य के लिए गए काम पर होना चाहिए, साथ ही यह तृणमूल कांग्रेस के रिपोर्ट कार्ड पर होना चाहिए लेकिन दुख की बात है कि यह उनके ‘अहम की लड़ाई’ को लेकर है।

प्रसाद ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच गतिरोध की वजह से कई योजनाओं का लाभ जनता को नहीं दिया गया।

उन्होंने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पश्चिम बंगाल के लोगों तक नहीं पहुंच रहा है।

प्रसाद ने दावा किया कि रोजगार, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे अहम विषयों पर बात नहीं की जा रही है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती हैं क्योंकि वे ‘अपनी सरकारों की नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।’

प्रसाद ने कहा, ‘‘एक अन्य मुद्दा है , हमने देखा कि कैसे दोनों पार्टियों (तृणमूल एवं भाजपा) मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कर रही हैं और पश्चिम बंगाल की पहचान और संस्कृति एवं सपंन्न सांस्कृतिक विरासत को धीरे-धीरे नष्ट किया जा रहा है। कांग्रेस बंगाल की विरासत और संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ेगी।’’

प्रसाद ने जोर देकर कहा कि खासतौर पर भाजपा अपनी संस्कृति पश्चिम बंगाल के लोगों पर थोपना चाहती है जिसकी इजाजत कांग्रेस नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ओछे मुद्दों के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं और तनाव एवं अहम का महौल पैदा कर कर रहे हैं।

प्रसाद ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि बंगाल के लोग पहले हों न कि व्यक्तिगत अहम।’’

जब उनसे पूछा गया कि क्या यह चुनाव पश्चिम बंगाल की पहचान एवं संस्कृति को बचाने के लिए होगा तो प्रसाद ने कहा, ‘‘निश्चित तौर से यह अहम मुद्दा है, खासतौर पर जब भाजपा अपनी संस्कृति थोपना चाहती है।’’

उन्होंने ममता बनर्जी नीत राज्य सरकार की भी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि कानून व्यवस्था के कई मामले सामने आए हैं।

प्रसाद ने जोर देकर कहा, ‘‘हम बंगाल के लोगों को विकल्प मुहैया कराएंगे।’’

कांग्रेस- वाम गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है लेकिन पहली प्राथमिकता सीटों का बंटवारा और संयुक्त प्रचार अभियान शुरू करने को लेकर है।

उन्होंने रेखांकित किया कि कांग्रेस-वाम गठबंधन का पश्चिम बंगाल के लोगों से गहरा संबंध है। प्रसाद ने कहा कि रोजी-रोटी का मुद्दा पीछे चला गया है जिसे उनका गठबंधन सामने लाएगा।

गौरतलब है कि राज्य विधानसभा के 294 सीटों के लिए इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।

जब प्रसाद से पूछा गया कि क्या ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चुनावी मैदान में उतरने से कांग्रेस-वाम दल गठबंधन को नुकसान होगा तो उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे में पार्टियां कहीं भी चुनाव लड़ सकती हैं।

प्रसाद ने कहा, ‘‘ वह किसी एक पार्टी के बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं जिसे जनता ने देखा है कि वह खुद नहीं लड़ती बल्कि अन्य लोगों की मदद के लिए कठपुतली है। ’’