नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) में 1,500 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाले जाने को मंजूरी दे दी। इससे इरेडा की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये कर्ज देने की क्षमता 12,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगी।

एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इरेडा की कर्ज देने की क्षमता बढ़ने से वह 4,000 मेगावॉट अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिये वित्तपोषण कर सकेगी। इरेडा का मौजूदा कर्ज आकार 27,000 करोड़ रुपये है।’’

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

मंत्रिमंडल के निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के कर्ज संबंधी नियमों को देखते हुए यह फैसला किया गया है।

मंत्री ने कहा कि इरेडा में 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने से वह नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को 12,000 करोड़ रुपये कर्ज दे सकेगी।

रिजर्व बैंक के उधारी नियमों के तहत कर्जदाता अपने नेटवर्थ का 20 प्रतिशत तक कर्ज दे सकता है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, सरकार के अतिरिक्त इक्विटी पूंजी उपलब्ध कराने से इरेडा करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज नवीकणीय ऊर्जा क्षेत्र को दे सकेगी। इससे 3,500 से 4,000 मेगावॉट अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की कर्ज जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

बयान के अनुसार, इससे इरेडा का नेटवर्थ बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण में मददगार होगा। इस तरह सरकार द्वारा निर्धारित नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर योगदान हो सकेगा।

साथ ही ऋण देने और लेने की गतिविधियों के संचालन में सुविधा के लिये पूंजी जोखिम आधारित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) में सुधार होगा।

बयान के अनुसार, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आने वाली इरेडा में इक्विटी पूंजी डाले जाने से लगभग 10,200 रोजगार के अवसरों का सृजन होगा तथा सालाना करीब 74.9 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी।