मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी डीएचएफएल से जुड़े एक कथित भ्रष्टाचार मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर और उनकी दो बेटियों राधा एवं रोशनी कपूर की जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया।

उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत के उस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे 28 सितंबर को इस मामले में आदेश सुना सकती हैं।

सीबीआई अदालत ने पिछले सप्ताह तीनों महिलाओं की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं और उन्हें 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने की आवश्यकता तब होती है, जब उनके फरार होने की आशंका हो। सीबीआई की ओर से पेश वकील हितेन वेनेगावकर ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया। उन्होंने कहा कि विशेष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को न्यायिक हिरासत में भेजकर सुनवाई के लिए उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की है।

सीबीआई के अनुसार राणा कपूर ने डीएचएफएल के कपिल वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश की। राणा कपूर अभी जेल में हैं।

यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 के बीच डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स नामक एक कंपनी को ऋण के रूप में कपूर को 900 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इस कंपनी पर कपूर की पत्नी और बेटियों का नियंत्रण है।