नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) की तरफ से दायर उस अर्जी पर सुनवाई करेगी जिसमें 4,600 करोड़ रुपये के भुगतान संबंधी मध्यस्थता पंचाट के आदेश पर अमल की मांग की गई है।

इस याचिका पर सुनवाई न्यायाधीश सुरेश कुमार करेंगे। उन्होंने ही गत सितंबर में डीएएमईपीएल की अर्जी पर नोटिस जारी किया था। कंपनी ने पंचाट के आदेश के अनुरूप दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से 4,600 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है।

एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के विकास एवं परिचालन से जुड़ी रही डीएएमईपीएल अनिल अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुषंगी कंपनी है। बाद में वह ढांचागत खामियों का हवाला देते हुए इस मेट्रो लाइन के परिचालन से अलग हो गई थी। जिसके बाद बकाया भुगतान को लेकर मामला मध्यस्थता पंचाट में गया था।

पंचाट ने वर्ष 2017 में फैसला डीएएमईपीएल के पक्ष में दिया था जिसे डीएमआरसी ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। हालांकि उच्चतम न्यायालय के गत 23 नवंबर को आए फैसले से डीएमआरसी को झटका लगा है जिसमें उसने पंचाट आदेश को सही ठहराने वाले फैसले पर पुनर्विचार करने से मना कर दिया।

अब कानूनी बाधाएं दूर होने के बाद अनिल अंबानी समूह की यह कंपनी डीएमआरसी से बकाया रकम के भुगतान की मांग कर रही है।