नयी दिल्ली : देश में मई के पहले दो सप्ताह के दौरान बिजली की खपत 19 प्रतिशत बढ़कर 51.67 अरब यूनिट पर पहुंच गई। यह बिजली की औद्योगिक और व्यावसायिक मांग में निरंतर सुधार को दर्शाता है।

बिजली मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार मई 2020 के पहले दो सप्ताह में बिजली खपत 43.55 अरब यूनिट थी। पिछले साल मई में पूरे माह के दौरान बिजली खपत 102.08 अरब यूनिट थी।

वही इस महीने के शरूआती दो सप्ताह के दौरान छह मई को बिजली की मांग सबसे अधिक 168.78 गीगावॉट रही जो पिछले वर्ष इसी महीने में 13 मई को 146.54 गीगावॉट बिजली की मांग से 15 प्रतिशत अधिक है।

बिजली मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार अप्रैल में ऊर्जा खपत 40 प्रतिशत बढ़कर 118.08 अरब यूनिट रही जबकि अप्रैल 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण यह केवल 84.55 अरब यूनिट थी। अप्रैल 2019 में बिजली की खपत 110.11 अरब यूनिट थी।

मई 2020 में ऊर्जा खपत गिरकर मई 2019 के 120.02 अरब यूनिट की खपत के मुकाबले 102.08 अरब यूनिट रही जिसका मुख्य कारण कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों का पूरी तरह बंद रहना था।

प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार दविंदर संधू ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ऊर्जा मांग के अनुसार बढ़ती है। गर्मियों की शुरुआत तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्पादक पूर्व-मानसून के दौरान बिजली की खपत में हमेशा तेजी की उम्मीद की जाती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मार्च-मई 2021 के दौरान ऊर्जा की मांग और आपूर्ति में 25-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही थर्मल पीएलएफ कई तिमाहियों के बाद 75 प्रतिशत या उससे अधिक तक बढ़ा है। इसका मुख्य कारण जनवरी-मार्च 2021 में आर्थिक गतिविधियों में तेजी और निर्यात में बड़ी बढ़ोतरी रहा।’’

पिछले वर्ष छह महीने के फासले के बाद सितम्बर अक्टूबर 2020 के बीच बिजली खपत में 4.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी। नवंबर 2020 में सर्दियों के आगमन के कारण बिजली खपत हालांकि 3.2 प्रतिशत कम हो गई थी।

वही दिसंबर में बिजली खपत 4.5 प्रतिशत और जनवरी 2021 में 4.4 प्रतिशत बढ़ी थी जबकि फरवरी में यह लगभग बराबर रह कर 103.25 अरब यूनिट और मार्च में बीस प्रतिशत बढकर 120.63 अरब यूनिट पर रही।