कोविड महामारी के दौरान छोटे कारोबारियों की मदद के लिए शुरू की गयी आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) से 14.6 लाख एमएसएमई इकाइयों को बचाने में मदद मिली। इन छोटे उद्यमों को 2.2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज का लाभ मिला। . रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एमएसएमई इकाइयां का आकार भी बड़ा हुआ और कई इकाइयों का कारोबार 250 करोड़ रुपये की सीमा को पार कर गया और वे नई परिभाषा के तहत मझोले उद्यम की श्रेणी में आ गये। . एमएसएमई की परिभाषा में वर्ष 2020 में बदलाव किया गया था। इस बदलाव के साथ सभी एमएसएमई को उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया। रिपोर्ट के अनुसार इससे कुल 1.33 करोड़ एमएसएमई के पास उद्यम प्रमाणपत्र हैं। जबकि दूसरी तरफ जीएसटी पंजीकरण केवल 1.40 करोड़ है।.