मुंबई : रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार पर अंकुश के लिए लागू रात्रि कफ् र्यू तथा सप्ताहांत लॉकडाउन से निर्यात परिचालन को छूट देते हुए परिचालन शुरू करने की अनुमति दी है। हालांकि, इसके तहत विनिर्माण इकाइयों में काम करने वाले व्यक्तियों की संख्या सीमित रहेगी।

जीजेईपीसी ने बयान में कहा कि रत्न एवं आभूषण विनिर्माताओं की शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्ध्व ठाकरे के साथ वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर की वजह से लागू आपातकालीन उपायों से विनिर्माण और संबद्ध गतिविधियों को छूट होगी।

बैठक के दौरान महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव राहत एवं पुनर्वास विभाग असीम गुप्ता ने स्पष्ट किया कि जब तक कि कामकाज पालियों में होगा, रत्न एवं आभूषण विनिर्माण और संबद्ध गतिविधियों को आपात उपायों से छूट मिलेगी।

बयान के अनुसार ठाकरे ने आभूषण उद्योग को खुद को नए सामान्य के साथ ढालने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उद्योग को व्यस्त समय की अवधारणा को छोड़ना चाहिए और पालियों में काम करना चाहिए। सिर्फ जरूरी संख्या में ही कर्मचारियों को कार्यस्थल पर बुलाया जाना चाहिए। शेष कर्मचारियों को घर से काम की अनुमति देनी चाहिए।

जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने ठाकरे से आग्रह किया कि हीरा उद्योग द्वारा बैंकों के गठजोड़ से ऋण लेने के दौरान दोहरे स्टाम्प शुल्क को माफ करने पर विचार किया जाए।