नयी दिल्ली : भारत का खाद्यान्न उत्पादन वर्ष फसल वर्ष 2020-21 में दो प्रतिशत बढ़कर 30 करोड़ 33.4 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल मानसून की बारिश अच्छी होने से चावल, गेहूं, दालों और मोटे अनाजों का उत्पादन बेहतर होने का अनुमान है।

फसल वर्ष जुलाई-जून तक चलता है।

फसल वर्ष 2019-20 में, देश का खाद्यान्न उत्पादन (गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज मिलाकर) रिकॉर्ड 29 करोड़ 75 लाख टन था।

कृषि मंत्रालय ने 2020-21 के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 30 करोड़ 33.4 लाख टन होने का अनुमान है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों और वैज्ञानिकों के प्रयासों के साथ केंद्र सरकार की पहलकदमियों को इसका श्रेय दिया है।

सरकारी अनुमानों के अनुसार वर्ष के दौरान चावल का उत्पादन पिछले वर्ष के 11 करोड़ 88.7 लाख टन के मुकाबले रिकॉर्ड 12 करोड़ 3.2 लाख टन और गेहूं का उत्पादन पिछले साल के 10 करोड़ 78.6 लाख टन के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 92.4 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि मोटे अनाज के उत्पादन के पहले के चार करोड़ 77.5 लाख टन से बढ़कर चार करोड़ 93.6 टन होने की संभावना है।

दलहन उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 के दो करोड़ 30.3 लाख टन से बढ़कर दो करोड़ 44.2 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।

गैर-खाद्यान्न श्रेणी में, तिलहनों का उत्पादन पहले के तीन करोड़ 32.2 लाख टन के मुकाबले फसल वर्ष 2020-21 में तीन करोड़ 73.1 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।

गन्ने का उत्पादन एक साल पहले के 37 करोड़ पांच लाख टन से बढ़कर 39 करोड़ 76.6 लाख टन होने का अनुमान है।

कपास का उत्पादन पिछले वर्ष के तीन करोड़ 60.7 लाख गांठ के मुकाबले बढ़कर इस बार तीन करोड़ 65.4 लाख गांठ (170 किलोग्राम प्रत्येक) होने का अनुमान है।