अलीगढ़, 17 अक्‍टूबर (भाषा) मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने शनिवार को वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश और मानवता के प्रति अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय (एएमयू) के जवाहर लाल मेडिकल कालेज अस्‍पताल की सेवाओं और भूमिका की सराहना की।


मलिक ने शनिवार को सर सैयद दिवस वार्षिक समारोह को बतौर मुख्‍य अतिथि ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्‍थाओं में से एक एएमयू इस चुनौतीपूर्ण समय में मानव सेवा के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे आया है।

उन्‍होंने कहा कि देश के गरीबों और दलितों के लिए अपनी सेवाओं से एएमयू अन्‍य विश्‍वविद्यालयों के लिए एक आदर्श बन गया है। संस्‍था के संस्‍थापक सर सैयद अहमद खान को याद करते हुए मलिक ने कहा कि वह ऐसे पहले भारतीय थे जिन्‍होंने भारत की एक ऐसे देश के रूप में परिकल्‍पना की जिसमें सभी निवासियों के बीच धर्म, जाति और नस्‍ल का कोई भेद न किया जाए।

उन्‍होंने कहा कि इस ऐतिहासिक संस्‍था को आगे बढ़ाने की हमारी सामूहिक जिम्‍मेदारी है क्‍योंकि यह उच्‍च शिक्षा, विज्ञान और राष्‍ट्र निर्माण के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही है।



इससे पहले सुबह एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अमेरिका के प्रसिद्ध विद्वान और इतिहासकार प्रोफेसर गेल मिनाउल्‍ट को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सर सैयद एक्‍सीलेंस अवार्ड से सम्‍मानित किया और मुम्बई स्थित शैक्षिक समूह अंजुमन-ए-इस्लाम को राष्ट्रीय सर सैयद एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया।

अपने भाषण में टेक्‍सास विश्‍वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर (एमेरिटस) गेल मिनाउल्ट, जिनके अध्ययन का मुख्य आधार भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास विशेषकर असहयोग आंदोलन और खिलाफत आंदोलन पर रहा है, उन्होने कहा कि उर्दू भाषा के ज्ञान के बिना भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के किसी भी वास्तविक अध्ययन को पूरा नहीं किया जा सकता है।