नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के प्रमुख फतिह बिरोल ने ऊर्जा स्रोत के रूप में कोयले पर भारत के रुख का समर्थन किया है।

बिरोल ने कहा कि विकासशील देशों को बिना अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता के कोयले के इस्तेमाल से रोकना उचित नहीं होगा। इस तरह के कदम की आर्थिक चुनौती से निपटने के लिए उन्हें पहले वित्तीय सहायता देने की जरूरत होगी।

बिरोल ने ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत जैसे विकासशील देश अपनी 60 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत के लिए कोयले पर निर्भर हैं। कोयला और अन्य संबद्ध क्षेत्र इन देशों में रोजगार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने भारत के इस रुख का समर्थन किया कि वह वैश्विक स्तर पर प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आज जो जलवायु परिवर्तन का मुद्दा है, वह कॉर्बन उत्सर्जन की वजह से है। यह करीब 100 साल से मुद्दा है।

उन्होंने कहा कि कई आधुनिक देश औद्योगिकीकरण और आमदनी के इस स्तर पर कोयले का काफी इस्तेमाल कर पहुंचे हैं। ये देश हैं अमेरिका, यूरोप और जापान।