नयी दिल्ली : बीमा नियामक इरडा ने बृहस्पतिवार को आर्थिक स्थिति में सुधार का हवाला देते हुए बीमा कंपनियों द्वारा 2019-20 के लिये लाभांश भुगतान पर जारी परिपत्र को वापस ले लिया है। कारोना वायरस महामारी को देखते हुए लाभांश भुगतान को लेकर परिपत्र जारी किया गया था।

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने कंपनियों को चालू वर्ष के लिये सोच-विचारकर लाभांश पर निर्णय लेने को कहा है।

इरडा ने अप्रैल 2020 में बीमा कंपनियों को अपने संसाधनों का उपयोग सोच समझकर करने को कहा था।

नियामक ने सभी बीमा कंपनियों को 2019-20 के लिये लाभांश भुगतान पर अपनी रणनीति के हिसाब से निर्णय करने को कहा था ताकि पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिये उनके पास पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित हो।

इरडा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्राधिकरण बीमा क्षेत्र के साथ वैश्विक और देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करता रहा है।

नियामक ने कहा कि उसने बीमा कंपनियों के प्रदर्शन का आकलन उनके सितंबर और दिसंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में वित्तीय परिणाम के आधार पर किया है।

इसमें पाया गया कि बीमा कंपनियों का प्रदर्शन कारोबार के स्तर पर धीरे-धीरे सुधरा है। हालांकि उसकी गति धीमी है।

इरडा ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था और खासकर बीमा उद्योग की स्थिति में सुधार तथा बीमा कंपनियों की स्थिति पर विचार करते हुए 24 अप्रैल, 2020 को जारी परिपत्र को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय किया गया है।’’

नियामक ने कहा कि हालांकि बीमा कंपनियां 2020-21 के लिये लाभांश के बारे में अपनी पूंजी, नकदी की स्थिति समेत अन्य बातों पर गौर करते हुए निर्णय करें।