नयी दिल्ली: दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मांग बढ़ने की वजह से शनिवार को सरसों दाना के भाव में 50 रुपये प्रति क्विन्टल का सुधार दर्ज हुआ जबकि सोयाबीन खल (डीओसी) की निर्यात के साथ पाल्ट्री फार्मो की स्थानीय मांग के कारण सोयाबीन दाना के भाव में भी सुधार आया। सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली, सीपीओं और पामोलीन जैसे बाकी खाद्यतेलों की कीमतें पूर्वस्तर पर बंद हुई।

तेल उद्योग के जानकारों के मुताबिक मंडियों में सरसों की आवक कम है और किसान रोक रोक कर मंडियों में अपनी ऊपज ला रहे हैं। राजधानी के नजफगढ़ मंडी में जहां प्रतिदिन 20,000 बोरी सरसों की आवक थी वह 1,000 - 1,200 बोरी प्रतिदिन रह गई है। उन्होंने कहा कि सरसों के स्टॉक को बचाकर रखने का जो काम सहकारी संस्था नाफेड और हाफेड को करना था, वह काम किसान कर रहे हैं।

तेल उद्योग के विशेषज्ञ पवन कुमार गुप्ता के अनुसार सोयाबीन के खल (डीओसी) की भारी निर्यात मांग है।स्थानी पाल्ट्री कंपनियों की ओर से भी सोयाबीन डीओसी की भारी मांग है। जिससे सोयाबीन दाना और लूज के भाव में सुधार दिखा।

उन्होंने कहा कि अगली बिजाई के समय के लिए सरकार को अभी से सोयाबीन के बेहतर दाने या बीज का इंतजाम रखना होगा जिससे आगे और बेहतर उत्पादन होने की संभावना मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों की मदद और समर्थन जारी रहा तो जल्द ही देश तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर और अगली कतार के देशों में होगा।

गुप्ता ने कहा कि सरकार को ऐसे तत्वों पर लगाम लगानी होगी जो सरकार के फैसले के आने से पहले बाजार में आयात शुल्क कम किये जाने के संबंध में अफवाहें फैलाते हैं और फायदा कमाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अफवाहों के जरिये देश की अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ करते हैं।

खाद्य तेल उद्योग के लोगों की राय मेंसरकार को गेहूं और चावल उत्पादन बढ़ाने के बजाय तिलहन उत्पादन पर जोर बढ़ाना चाहिये क्योंकि सरकारी गोदामों में गेहूं, चावल के पुराने स्टॉक बिना किसी उपयोग के पड़े हैं। यदि गेहूं, चावल के चक्र से निकल कर तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाये तो इससे फसलों का विविधीकरण होगा और तिलहन के आयात पर भारी मात्रा में खर्च होने वाले धन की बचत होगी और किसानों को लाभ पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि बाजार में सूरजमुखी और जैतून के मुकाबले अच्छा समर्थन होने के कारण मक्का रिफाइंड तेल की मांग में भारी वृद्धि हुई है जिससे इसकी कीमतों में भी सुधार दिखा।

सामान्य कारोबार के बीच बाकी तेल तिलहनों के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,310 - 6,350 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,485 - 6,530 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,900 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,530- 2,590 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,900 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,030 -2,110 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,210 - 2,240 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,800 - 17,800 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,350 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,150 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,070 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,780 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,500 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,550 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,600 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 6,700 - 6,800 रुपये: सोयाबीन लूज 6,550 - 6,600 रुपये

मक्का खल 3,700 रुपये।