नयी दिल्ली : भारत में अति धनवानों (यूएचएनडब्ल्यूआई) की संख्या अगले पांच साल के दौरान 63 प्रतिशत बढ़कर 11,198 पर पहुंच जाने का अनुमान है। यह दुनिया में दूसरी सबसे तेज वृद्धि होगी। संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

अति धनवान में वे लोग गिने जाते हैं जिनकी संपदा तीन करोड़ डॉलर या उससे अधिक है।

नाइट फ्रैंक की वेल्थ (धन-सम्पत्ति) रिपोर्ट-2021 के अनुसार, दुनिया भर के यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या 2020-25 के बीच 27 प्रतिशत बढ़कर 663,483 होने की उम्मीद है। अभी वैश्विक स्तर पर इनकी संख्या 5,21,653 है। इनमें से 6,884 अति धनाढ्य भारत में हैं।

नाइट फ्रैंक ने बयान में कहा कि 2025 तक भारत में अत्यधिक अमीरों की संख्या में 63 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अरबपतियों की संख्या 2025 तक 43 प्रतिशत बढ़कर 162 पर पहुंचने का अनुमान है। 2020 में यह संख्या 113 थी। यह वैश्विक वृद्धि के 24 प्रतिशत और एशिया के 38 प्रतिशत के औसत से अधिक है।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि एशिया में यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या में सबसे अधिक 39 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा अमीर लोगों की संख्या में बढ़ोतरी इंडोनेशिया (67 प्रतिशत) और उसके बाद भारत (63 प्रतिशत) में होगी।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल का कहना है कि महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियां नए स्‍तर पर जा रही हैं, ऐसे में भारत अगले कुछ साल के दौरान 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाले क्लब में अपनी जगह बना सकता है। भारत अपनी आर्थिक तरक्की के दम पर एशिया की सुपरपावर बन सकता है।

बैजल ने कहा कि आर्थिक अवसरों की मदद से संपत्ति निर्माण के आकर्षक मौके मिलेंगे जिसकी सहायता से भारत में अमीरों के क्लब में नए लोगों का प्रवेश होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मुंबई में यूएचएनडब्ल्यूआई की संख्या सबसे अधिक 920 होगी। उसके बाद 375 के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर रहेगी। बेंगलुरु में 238 अत्यधिक अमीरों का घर होगा।