नयी दिल्ली: फर्जी फर्मों के बीजक/पर्ची के जरिए दूसरी इकाइयों को करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हासिल कराने के एक गोरखधंधे का भांडाफोड़ करते हुए दिल्ली में जीएसटी अधिकारियों ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

पूर्वी दिल्ली के केन्द्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय के मुताबिक इस मामले में अब तक कुल मिलाकर 541.13 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के जरिये 82.23 करोड़ रुपये का आईटीसी के दावों का पता चला है। जांच जांच में और अधिक फर्जी दावों का पता लग सकता है।

आयुक्तालय की विज्ञप्ति के अनुसार नकली कंपनियों और नकली बिलों का यह गोरखधंधा अरविंद कुमार चला रहा था। कुमार बिल में लिखी राशि के 4 से 4.5 प्रतिशत कमीशन पर लेता था।

अब तक हुई जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे में 46 कंपनियों का नेटवर्क बनाया गया था जिसे पूरी तरह से अरविंद कुमार और उसके सहयोगी नियंत्रित करते थे। इन कंपनियों की कोई भी कारोबारी गतिविधि नहीं थी। इन्हें केवल फर्जी तौर पर आईटीसी पैदा करने के लिये ही बनाया गया था।

वक्तव्य में कहा गया है कि आंकड़ों के विश्लेषण से अधिकारियों ने शुक्रवार से लेकर रविवार के बीच 21 परिसरों की पहचान की और उनमें जांच अभियान चलाया जिसके बाद फर्जी कंपनियों का नेटवर्क सामने आया जो कि नकली आईटीसी उपलब्ध कराने के लिये 2017 से चलाया जा रहा था।

वक्तव्य के मुताबिक कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया और रविवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 31 जनवरी तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इसमें कहा गया है कि केन्द्रीय जीएसटी के दिल्ली क्षेत्र ने अब तक 3,766 करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।