नयी दिल्ली : सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा वर्ष 2019-20 के दौरान किये गये सेवा निर्यात पर सेवा निर्यात प्रोत्साहन योजना एसईआईएस के तहत कुल पात्रता सीमा को प्रति निर्यातक पांच करोड़ रुपये कर दिया गया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीटीएफ) ने बृहस्पतिवार को बताया कि 2019-20 के दौरान किए गए निर्यात के लिए भारत से सेवाओं की निर्यात योजना (एसईआईएस) के तहत योग्य सेवाओं और दरों की एक सूची अधिसूचित की है।

डीजीटीएफ ने कहा, ‘‘एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 की अवधि में किये गये सेवा निर्यात के लिये एसईआईएस के तहत पात्रता सीमा को तय किया गया है और इसे अधिकतम पांच करोड़ रुपये आईईसी (आयात- निर्यात कोड) रखा गया है।

इसके अलावा कहा गया कि भारतीय रुपये में भुगतान पर एसईआईएस के तहत लाभ का दावा करने की सुविधा 2019-20 में प्रदान की गई सेवाओं के लिए उपलब्ध नहीं होगी।

वही 2019-20 के लिए एसईआईएस के वास्ते आवेदन जमा कराने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2021 होगी, उसके बाद इन्हें वर्जित माना जायेगा।

सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (एसईपीसी) के चेयरमैन मानेक डावर ने कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र के छोटे और मध्यम उद्यमों को फायदा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘एसईपीसी सभी निर्यातकों को एसईआईएस लाभ प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसने डीजीएफटी को 2019-20 के लिए आवेदन की तारीख 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाने के लिए भी कहा है।’’