मुंबई : घरेलू शेयर बाजारों में पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर शुक्रवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स तथा एनएसई निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी से बाजार नुकसान में रहा।

पूरे कारोबार के दौरान बाजार में नरमी रही। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 12.27 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,223.03 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2.05 अंक यानी 0.01 प्रतिशत नुकसान के साथ 18,255.75 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में 2.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ एशियन पेंट्स सर्वाधिक नुकसान में रही। इसके अलावा एक्सिस बैंक, एचयूएल, विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी तथा भारती एयरटेल भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टीसीएस, इन्फोसिस, एल एंड टी, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं। इनमें 1.84 प्रतिशत तक की तेजी रही।

सेंसेक्स के 18 शेयर नुकसान में और 12 लाभ में रहे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में गिरावट के रुख के साथ घरेलू बाजार नुकसान में खुले। हालांकि बाद में आईटी, रियल्टी और स्वास्थ्य से जुड़े शेयरों में तेजी से यह नुकसान से उबरते हुए स्थिर बंद हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के बयान से वैश्विक बाजारों में बिकवाली हुई। बयान में मार्च के दौरान नीतिगत दर में वृद्धि का संकेत दिया गया। अमेरिका में खुदरा महंगाई दर के 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति चिंता का विषय बनी हुई है।’’

साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 1,478.38 अंक यानी 2.47 प्रतिशत और निफ्टी 443.05 अंक यानी 2.48 प्रतिशत मजबूत हुए।

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल के बिक्री कारोबार प्रमुख एस हरिहरन ने कहा, ‘‘सामान्य तौर पर एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) के कई सदस्यों के इस साल ब्याज दर बढ़ाने को लेकर संकेत देने के साथ ही दुनिया के कई देशों में ऊंची मुद्रास्फीति होने से शेयर बाजार में प्रतिकूल असर पड़ा है।’’

उन्होंने कहा कि कंपनियों के वित्तीय परिणाम आने शुरू हो गये हैं। आने वाले दिनों में इससे बाजार को दिशा मिलेगी।

इस बीच,घरेलू स्तर पर थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति लगातार चार महीने बढ़ने के बाद दिसंबर 2021 में घटकर 13.56 प्रतिशत पर रही। मुख्य रूप से ईंधन, बिजली और विनिर्माण उत्पादों के सस्ता होने से थोक मुद्रास्फीति नरम हुई। हालांकि इस दौरान खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े।

वैश्विक स्तर पर एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में बिकवाली दबाव रहा।

इधर, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 25 पैसे टूटकर 74.15 पर पहुंच गयी।

शेयर बाजार के आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,390.85 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।