नयी दिल्ली: देश का चीनी उत्पादन 15 जनवरी तक एक साल पहले की तुलना में 31 प्रतिशत बढ़कर 142.70 लाख टन हो गया। उद्योग निकाय इस्मा ने सोमवार को यह जानकारी दी।

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने अक्टूबर 2020 से शुरू चीनी विपणन वर्ष 2020-21में गन्ने की अधिक उपलब्धता की वजह से विपणन वर्ष 2020-21 में कुल चीनी उत्पादन 13 प्रतिशत बढ़कर 310 लाख टन हपोने का अनुमान जताया है।

पिछले वर्ष 274.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश भारत में 2019-20 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के 15 जनवरी तक 108.94 लाख टन का हुआ था। इस्मा ने कहा कि चालू सत्र में 15 जनवरी तक तक चीनी उत्पादन 142.70 लाख टन रहा जो पिछले साल 33.76 लाख टन अधिक है।

पिछले साल के 440 मिलों की तुलना में इस बार 487 चीनी मिलें काम कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस बार 15 जनवरी तक मामूली कमी के साथ 42.99 लाख टन रहा। राज्य में पिछले वर्ष की समान अवधि में उत्पादन 43.78 लाख टन का हुआ था। उत्तर प्रदेश में गन्ने की कमी और चीनी पड़ता गिरा है।

इसी दौरान महाराष्ट्र में उत्पादन एक साल पहले इसी 25.51 लाख टन के मुकाबले इस बार बढ़कर 51.55 लाख टन हो गया।

तीसरे सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में उत्पादन 29.80 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की अवधि में 21.90 लाख टन था।

इस्मा ने एक बयान में कहा कि गुजरात में चीनी उत्पादन 4.40 लाख टन, तमिलनाडु में 1.15 लाख टन तक पहुंच गया, जबकि शेष राज्यों आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा ने मिलकर इस साल के 15 जनवरी तक 12.81 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।

इथेनॉल के बारे में, इस्मा ने कहा कि तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) ने विपणन वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 309.81 करोड़ लीटर का आवंटन किया है, जिसमें क्षतिग्रस्त अनाज और अधिशेष चावल से लगभग 39.36 करोड़ लीटर भी शामिल है।

विपणन वर्ष 2019-20 के दौरान चीनी मिलों को आवंटित अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर 2020 के दौरान लगभग तीन लाख टन चीनी का निर्यात किया गया, जिसे दिसंबर 2020 तक बढ़ाया गया था।