चंडीगढ़ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में “बढ़ती” बेरोजगारी पर चिंता जताई और दावा किया कि बीए, एमएससी और पीएचडी जैसे डिग्री धारक सरकारी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ने के लिए हरियाणा सरकार की नीतियां सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।

हुड्डा ने कहा कि सरकार निजी निवेश की तरफ ध्यान नहीं दे रही है और बड़े उद्योग “एक के बाद एक हरियाणा से पलायन कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कभी हरियाणा अन्य राज्यों के युवाओं को रोजगार देता था लेकिन अब यहां देश में सर्वाधिक बेरोजगारी है।

हुड्डा ने एक बयान में कहा, “राज्य में बेरोजगारी की यह स्थिति है कि इस महीने कांस्टेबल के केवल 5,500 पदों के लिए 8.39 लाख युवाओं ने आवेदन किया।” हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि इस वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, “लगभग नौ लाख युवाओं ने रोजगार के लिए पंजीकरण करवाया था लेकिन केवल 2,800 को ही रोजगार मिला।”

उन्होंने कहा, “इसके पहले भी जब सरकार ने चपरासी के 18,000 पदों तथा चतुर्थ श्रेणी के अन्य पदों के लिए भर्ती निकाली थी तब भी लाखों की संख्या में शिक्षित युवाओं ने आवेदन किया था।” हुड्डा ने कहा कि क्लर्क के छह हजार पदों के लिए लगभग 25 लाख युवाओं ने आवेदन किया था।

उन्होंने कहा, “बीए, एमए, एमएससी, एम कॉम, एमफिल और पीएचडी डिग्री धारकों ने चपरासी के पदों के लिए आवेदन किया था जिसमें न्यूनतम अर्हता आठवीं पास होती है।” हुड्डा ने कहा कि ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी’ के आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी की दर 9.17 प्रतिशत है जबकि हरियाणा में यह 27.9 प्रतिशत है।