चेन्नई,:तमिलनाडु में राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) का वंचित वर्ग के छात्रों पर पड़ने वाले प्रभाव के अध्ययन के लिए गठित न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए के राजन समिति ने कहा है कि यह परीक्षा राज्य को स्वतंत्रता से पहले के समय में ले जाएगी।

समिति ने कहा कि सरकार को कानूनी और विधि सम्मत प्रक्रिया अपनाते हुए इसे हर स्तर पर समाप्त कर देना चाहिए। राज्य सरकार को पहले सौंपी गई समिति की रिपोर्ट सोमवार को सार्वजनिक की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा के लिए नीट की अनिवार्यता को समाप्त करने के लिए वैकल्पिक तौर पर एक कानून बना सकती है और उस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति ले सकती है।