13 अप्रैल 2021, मंगलवार को भारत वर्ष में उत्सवों की धूम रहेगी. हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होगी. नव संवत्सर विक्रम संवत 2078 का आरंभ होगा. इस संवत्सर का नाम संबोधन राक्षस है. इसके राजा और मंत्री दोनों ही मंगलदेव हैं. 

 

सिख धर्मावलंबियों के जरिए बैसाखी मनाई जाएगी. सिंधी समाज के लोग चैत्रीचंड में भगवान झूलेलाल का उत्सव मनाएंगे. गुड़ी पड़वा महाराष्ट्र में धूम धाम से मनाई जाती है. इसे हिंदू नववर्ष की तरह मनाया जाता है. 

 

13 अप्रैल मंगलवार को ही नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस बार मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. घट स्थापना का समय दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 बजकर रहेगा. इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.

 

वहीं गुड़ी पड़वा के दिन पंचांग का श्रवण और पाठ किया जाता हैं. हिंदू संगठन प्रभात फेरी निकालते हैं. शंखनाद घंटनाद किया जाता है. गुड़ी का अर्थ विजय पताका होता है.

 

दूसरी तरफ बैसाखी पर सिख धर्मावलंबी पकी फसल काटने का उत्सव मनाते हैं. रात्रि में उत्सव का आयोजन करते हैं. बैसाखी के दिन सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसी दिन से पंजाबियों के नए साल की शुरुआत भी होती है. 

 

वहीं चैत्रीचंड में सिंधी समुदाय के लोग अपने इष्टटेव झूलेलाल की जयंती मनाते हैं. झूलेलाज जयंती की पूजा का समय 13 अप्रैल 2021 को सुबह 10 बजकर 15 मिनट से 14 अप्रैल को 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.