नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को एक मार्च से कोरोना वायरस रोधी टीका सरकारी केंद्रों पर निशुल्क लगाया जायेगा। वहीं, निजी क्लिनिकों एवं केंद्रों पर उन्हें इसके लिए शुल्क देना पड़ेगा।

कुछ देशों में मिले वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी आगाह किया कि सख्त पाबंदी में किसी तरह की ढिलाई से हालात जटिल हो सकते हैं।

देश में बुधवार को छह दिनों में तीसरी बार संक्रमण के 13,000 से ज्यादा मामले आए। वहीं केंद्र ने महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्थिति से निपटने में मदद के लिए अपने उच्च स्तरीय दल भेजे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कोविड-19 टीकाकरण के अगले चरण के अभियान को लेकर निर्णय किया गया।

बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा किसी दूसरी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वायरस रोधी टीका एक मार्च से लगाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस श्रेणी में लोगों को 10 हजार सरकारी केंद्रों पर निशुल्क टीका लगाया जायेगा। मंत्री ने कहा कि 20 हजार निजी क्लिनिकों या केंद्रों पर टीका लगवाने वालों को शुल्क देना होगा।

जावड़ेकर ने बताया कि यह शुल्क कितना होगा, इसके बारे में विचार विमर्श करने के बाद स्वास्थ्य विभाग दो-तीन दिनों में घोषणा करेगा।

उन्होंने कहा कि सरकारी केंद्रों पर निशुल्क टीका लगाने के लिये भारत सरकार जरूरी खुराक खरीदेगी और राज्यों को उपलब्ध करायेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या लोगों को कोविशील्ड या कोवैक्सीन में से टीका चुनने का विकल्प होगा, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है और दोनों टीके प्रभावी हैं और उनकी क्षमता सिद्ध है।’’

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में 1.23 करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कर्मियों को टीके की खुराक दी गयी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि तीन सदस्यीय बहु-विशेषज्ञता वाले दलों का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ ये दल राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में हाल ही में बढ़े कोविड-19 के मामलों के कारण का पता लगाने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे।’’

केन्द्र ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को पत्र लिखा है, जहां कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और आरटी-पीसीआर जांच के अनुपात में कमी आई है।

पत्र में, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर को संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े उपायों उठाने पर ध्यान देने और आरटी-पीसीआर परीक्षण बढ़ाकर संक्रमित लोगों की पहचान करने को कहा है।

देश में 1,46,907 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कि संक्रमण के कुल मामलों का 1.33 प्रतिशत है।