सूर्य नमस्‍कार करने का विशेष लाभ है. कमर दर्द सीधी करते हुए पद्मासन, सुखासन आदि जिस आसन में भी आप बेहतर महसूस करते हैं उसमें बैठते हुए आप योगाभ्‍यास की शुरुआत करें. योग जीवन का दर्शन है. एक सेहतमंद दिन की शुरुआत योग (Yoga) और एक्सरसाइज के साथ होनी चाहिए. कोरोना काल में शरीर को फिट (Fit) और हेल्दी (Healthy) बनाए रखने के लिए योगाभ्‍यास बहुत जरूरी हैं. इनसे न केवल मनुष्य स्वस्थ (Healthy) रह सकता है, बल्कि उसे हर प्रकार के तनाव (Stress) से भी मुक्ति मिलती है. सूर्य असीम शक्ति का स्रोत है. ऐसे में सूर्य नमस्कार शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है.

व्‍यायाम से पहले ये तीन नियम जरूर ध्‍यान रखें कि अच्‍छा गहरा लंबा श्‍वास लें, गति का पालन करें और अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करें. इसी के साथ आज के लाइव योगा सेशन में आइए बढ़ाए स्‍वस्‍थ जीवन की ओर एक कदम और करें सूर्य नमस्‍कार...

सूर्य नमस्कार :सूर्य नमस्कार को सभी योगासनों में सबसे ज्यादा पावरफुल माना जाता है. सूर्य नमस्कार ऐसा योग है जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है. पर सूर्य नमस्कार को करने का सही तरीका बहुत कम लोग जानते हैं.
प्रणाम आसन:  इस आसन को करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पंजे जोड़कर अपने आसन मैट के किनारे पर खड़े हो जाएं. फिर दोनों हाथों को कंधे के समान्तर उठाएं और पूरा वजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें. दोनों हथेलियों के पृष्ठभाग एक दूसरे से चिपकाए रहें और नमस्कार की मुद्रा में खड़े हो जाएं.

हस्ततुन्नासन- इस आसन को करने के लिए गहरी सांस भरें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं. अब हाथ और कमर को झुकाते हुए दोनों भुजाओं और गर्दन को भी पीछे की ओर झुकाएं.

हस्तपाद आसन- इस आसन में बाहर की तरफ सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ नीचे की ओर झुकें. अपने दोनों हाथों को कानों के पास से घुमाते हुए ज़मीन को छूएं.

अश्व संचालन आसन- इस आसन में अपनी हथेलियों को ज़मीन पर रखें, सांस लेते हुए दाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाएं और बाएं पैर को घुटने की तरफ से मोड़ते हुए ऊपर रखें. गर्दन को ऊपर की तरफ उठाएं और कुछ देर इसी स्थिती में रहें.

पर्वत आसन- इस आसने को करने के दौरान सांस लेते हुए बाएं पैर को पीछे ले जाएं और पूरे शरीर को सीधी रेखा में रखें और अपने हाथ ज़मीन पर सीधे रखें.

अष्टांग नमस्कार- इस आसन को करते वक्त अपने दोनों घुटने ज़मीन पर टिकाएं और सांस छोड़ें. अपने कूल्हों को पीछे ऊपर की ओर उठाएं और अपनी छाती और ठुड्डी को ज़मीन से छुआएं और कुछ देर इसी स्थिति में रहें.