हरियाली तीज
ज्योति शर्मा


श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनायी जाती है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा-आराधना कर तीज माता का व्रत करके व कथा सुनकर अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं। साथ ही माता पार्वती को शृंगार की वस्तुएं अर्पित करती हैं व उनका शृंगार करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि को भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती 107 जन्म लेकर भी उन्हें दुबारा न पा सकी। माता पार्वती ने उन्हें प्राप्त करने के लिए 108वीं बार पर्वतराज हिमालय के घर में जन्म लिया और भगवान शिव को पाने के लिए पुनः तप आरम्भ किया व भगवान शिव को पुनः पति के रूप में पाया। इसलिए इस तिथि को विशेष माना गया है। 


श्रावण मास में आने के कारण धरती के चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है, इसलिए इस तिथि को हरियाली तीज के नाम से से भी जाना जाता है। सुहागन महिलाओं के लिए हरियाली तीज एक बहुत बड़े त्यौहार की तरह होता है। इस दिन  महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, सोलह शृंगार करती हैं व अपनी पति की लम्बी उम्र व निरोगी काया की कामना करती हैं। 
कई राज्यों में तीज का त्यौहार बड़ी धूमधाम व उल्लास के साथ मनाया जाता है। तृतीया तिथि से एक दिन पहले द्वितीया को सिंजारे के नाम से जाना जाता है। इस दिन नव-विवाहित महिलाओं को मायके से सिंजारा भेजा जाता है व महिलाओं को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया जाता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि में मान्यता है कि त्यौहारों की शुरुआत इसी त्यौहार से की जाती है। सिंजारे के दिन महिलाएं खासतौर से मेहंदी लगवाती हैं व सज-संवर कर अपनी सखियों के साथ झूला झूलने जाती हैं। इस त्यौहार पर महिलाएं मुख्य रूप से लहरिया की साड़ियाँ पहनती हैं व मिठाई में घेवर प्रमुख होते हैं। 
महिलाओं के लिए इस त्यौहार को बहुत बड़ा मानते हैं। इसे लेकर एक लोक गीत यह है कि - 
पगल्या न पायल लाय जो ढोला, साहिबा जी घूंगरा रतन जड़ाएं,
मुकनगढ़ हो जी किशनगढ़ चाकरी, ढोला साहिबा जी,
तीज सुण्यां घर आय, तीजा तो तीजा करा ढोला, तीजा को बड़ो है त्यौहार।।
राजस्थान के जयपुर शहर में तीज माता की शाही सवारी निकाली जाती है। जिसमें राजघरानों के सभी सदस्य इसमें शामिल होते हैं व तीज माता को पालकी में बिठाकर पूरे शहर में घूमाया जाता है। तीज माता की सवारी में घोड़े, हाथी, ऊंट आदि को सजाकर पालकी के साथ-साथ शामिल किया जाता है व कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए पालकी के साथ चलते हैं। 
इस वर्ष हरियाली तीज 11 अगस्त, 2021 को मनायी जाएगी।