आर्मीनियाई ककड़ी एक आर्मीनियाई सब्जी है. ये आम तौर से दिखाई देनेवाली सामान्य ककड़ी से ज्यादा पुरानी है. क्यूकरबिटसै परिवार से संबंध रखनेवाली सब्जी रंग में हल्की हरी होती है.

भारतीय महाद्वीप में उसे ककड़ी के नाम से जाना जाता है. उसे संपूर्ण फाइबर और पानी के स्रोत के तौर पर सीधे खाया जा सकता है. लोग इसका इस्तेमाल स्वादिष्ट और स्वस्थ करी और सब्जी पकाने में भी करते हैं. इसके अलावा, अचार और मीठे डिश में में भी उसका इस्तेमाल किया जाता है.

 

ये सब्जी हमारी जरूरत की विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य सूक्ष्म पोषक में भरपूर है. पानी की ज्यादा मात्रा उसे गर्मी में खाने के उपयुक्त बनाती है. इसलिए, अगर आप भी गर्म मौसम की तपिश को मात देना चाहते हैं, तो उसके इस्तेमाल के हैरतअंगेज फायदों की जानकारी रखनी चाहिए.

 

गर्मी में आपको हाइड्रेटेड रखती है
हमारा शरीर 70 फीसद पानी से बना होता है और हमें कम से कम 3-5 लीटर पानी पीना चाहिए, जिससे सिस्टम में उसका संतुलन बना रहे. अगर हम पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, शरीर के पीएच संतुलन में गड़बड़ी आ जाएगी और फिर स्वास्थ्य समस्याएं हो जाएंगी. ककड़ी हाइड्रेटिंग तत्वों से भी भरपूर होती है और पानी की ज्यादा मात्रा शामिल होने से ये फैक्टर गर्मी में सेवन के लिए आदर्श बनाता है.

 

पाचन को काबू में रखती है
ये सब्जी बहुत ज्यादा आहार फाइबर से समृद्ध होती है जो मल त्याग को आसान बनाकर आंत की सफाई में मदद करती है और पाचन की प्रक्रिया में मदद करती है. इस सब्जी का नियमित सेवन गैस्ट्रिक परेशानियों, ब्लोटिंग, एसिडिटी, पेट दर्द और कब्ज से निजात दिलाने में मदद करती है. ये पाचन की प्रक्रिया को उसे ज्यादा नरम और आसान बनाकर सुधारती है. न सिर्फ पाचक एंजाइम के उत्पादन में मदद करती है बल्कि हमारे भोजन को तोड़ने की भी जिम्मेदारी होती है.

 

वजन कमी में मदद कर सकती है
आर्मीनियाई ककड़ी में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा अतिरिक्त इंच को घटाने में मदद कर सकती है. ककड़ी खाने के बाद अक्सर आपको भूख नहीं लगेगी क्योंकि फाइबर पूर्णता के एहसास को प्रेरित करता है और इस तरह इस तरह आप अपना वजन कम करते हैं.

 

हाई ब्लड शुगर को नीचे लाने में मदद 
ककड़ी को हाई ब्लड शुगर लेवल पर स्पष्ट प्रभाव डालनेवाला भी माना जाता है. ये न सिर्फ शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है बल्कि हमारे भोजन के ग्लूकोज को तोड़ने में मदद भी करती है. इस तरह रक्त प्रवाह में संतुलित शुगर का अवशोषण आसान और नरम बनाता है. बल्ड शुगर लेवल के अत्यधिक हाई लेवल से इम्यून सिस्टम कमजोर, संवेदनशील हो सकती है.