कम बजट, अपेक्षाकृत नए चेहरे और हिंदी सिनेमा के लिए मुख्यधारा से हटकर विषय होने की वजह से लोगों का इस ओर ध्यान जाना जरा मुश्किल था, लेकिन इन सब कठिनाइयों के बावजूद राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की पहली फिल्म ‘हासिल’ एक यादगार फिल्म बन गई।.

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक, धूलिया ने पीटीआई-भाषा को बताया, "मैं जो कुछ भी हूं, अपनी पहली फिल्म की वजह से हूं। मैं हमेशा युवा निर्देशकों से यह कहता हूं कि आप जो भी पहले करें, उसे पैसे के लिए न करें, बस इसे सबसे अच्छे तरीके से करें...चाहे वह कामयाब हो या नहीं वह एक अलग बात है।".

शेरगिल ने बताया, "उनका नुकसान हालांकि सभी को हमेशा के लिए रहेगा। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मैंने उनके साथ कुछ फिल्में कीं और अद्भुत यादों को सहेजा, खासकर ''हासिल'' से जुड़ी हुई यादें।"