नयी दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में हर साल लगभग 70 लाख लोगों के आग में झुलसने के मामले सामने आते हैं, जिनमें से करीब 1.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है, फिर भी देश में इसके उपचार के लिये सुविधाओं का अभाव है।

उन्होंने कहा, 'आग में झुलसकर बड़ी संख्या में कामगारों की मौत हो जाती है और भारत जैसे उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश में...एक ऐसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की सख्त जरूरत है, जिससे जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को उच्च गुणवत्ता का उपचार प्रदान किया जा सके।

केन्द्रीय मंत्री ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नव-निर्मित 'बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी' ब्लॉक का उद्घाटन करने के बाद यह बात कही।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह ब्लॉक प्लास्टिक सर्जरी के जनक सुश्रुत को समर्पित किया गया है।

हर्षवर्धन ने कहा, 'भारत में हर साल करीब 70 लाख लोगों के आग में झुलसने के मामले सामने आते हैं, जिनमें से बहुत अधिक 1.4 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा 2.4 लाख रोगी गंभीर विकारों से ग्रस्त हो जाते हैं। बड़ी आबादी होने के चलते, आग में झुलसे लोगों का उपचार करने वाले अधिकतर केन्द्रों पर बोझ बढ़ जाता है और लोगों का ठीक से इलाज नहीं हो पाता।'

मंत्रालय ने बयान में हर्षवर्धन से हवाले से कहा कि एम्स के नए ब्लॉक को आग में झुलसे लोगों को बेहतरीन इलाज मुहैया कराने और इस क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ तैयार किया गया है।