हिन्दू पंचाग  के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की आखिरी तारीख को अमावस्या होती है. इस दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं. हिन्दू धर्म शास्त्रों में अमावस्या तिथि का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है. ऐसी मान्यता है कि यह तिथि पूर्वजों/ पितरों की तिथि है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर, गरीब और जरूरतमंदों को दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार में खुशहाली लाते हैं. साथ ही जातक को  पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

 

जब यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है तो इसे शनिवारी अमावस्या / शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं. चूंकि यह फाल्गुन महीने की अमावस्या है इस लिए इसे फाल्गुन अमावस्या भी कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए शनि अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है.

 

माना जाता है कि इस दिन जातक ये 7 उपाय करें तो  शनिदेव प्रसन्न होते हैं. इससे घर –परिवार में खुशहाली आती है, शुख-शांति और समृधि मिलती है.

 

शनि अमावस्या के दिन करें ये 7 उपाय

  1. इस दिन पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें तथा प्रात:काल मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं एवं शाम को पश्चिम की ओर बत्ती कर तेल का दीपक जलाएं. 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए परिक्रमा करें.
  2. काली गाय, जिस पर अन्य किसी प्रकार का कोई निशान न हो का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें.
  3. काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं.
  4. कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें.
  5. काला सूरमा सुनसान स्थान में हाथभर गड्ढा खोदकर गाड़ दें.
  6. काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें.
  7. काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाजे के ऊपर स्थापित करें.

 माना जाता है इन उपायों को करने से शनि महाराज की कृपा प्राप्त होती है. और जातक के कष्ट दूर होते हैं.

 

शनि अमावस्या का शुभ समय

  • शनि अमावस्या की तिथि13 मार्च 2021 दिन शनिवार
  • अमावस्या तिथि प्रारंभ12 मार्च को दोपहर02 मिनट से
  • अमावस्था तिथि समाप्त13 मार्च को दोपहर50 बजे तक