नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों और उनसे संबद्ध कालेजों एवं संस्थानों से राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में सूचना का प्रसार करने तथा विभिन्न हितधारकों को समर्पित वेब पोर्टल पर नि-क्षय मित्र का पंजीकरण कराने को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया है।

यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सात नवंबर को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कालेजों के प्राचार्यो को लिखे पत्र में कहा कि देशभर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) लागू किया जा रहा है ।

पत्र में कहा गया है कि एनटीईपी के तहत सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं/डाक्टरों द्वारा अधिसूचित सभी क्षय (टीबी) रोगियों को जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सुविधा प्रदान की जाती है तथा प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पोषण संबंधी सहयोग के लिये 500 रूपये प्रति माह दी जाती है।

वर्ष 2025 तक देश से टीबी के उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में एनटीईपी के तहत ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ शुरू किया था ।

जैन ने कहा कि नि-क्षय 2.0 को प्रभावी तरीके से लागू करना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नि-क्षय मित्र का पंजीकरण कराने के लिये एक वेब पोर्टल एवं एक आनलाइन लिंक तैयार किया गया था । इस पर इच्छुक अधिकारी/संगठन नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं तथा किसी इलाके या टीबी मरीजों की संख्या तय कर सकते हैं जिन्हें वे समर्थन देना या गोद लेना चाहते हैं । इसके अलावा वे पोषण सहित अन्य तरह के समर्थन देने का उल्लेख भी कर सकते हैं ।

इस पोर्टल पर नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण कराने वाले सहयोग की अवधि का भी उल्लेख कर सकते हैं जो कम से कम छह महीने से अधिकतम तीन वर्ष होगा ।

जैन ने अपने पत्र में उच्च शिक्षण संस्थानों और उनसे संबद्ध कालेजों एवं संस्थानों से आग्रह किया कि वे इस कार्यक्रम के बारे में सूचना का प्रसार करें और विभिन्न हितधारकों को इसे समर्थन देने तथा नि- क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण कराने के लिये प्रेरित करें ।