नयी दिल्ली : कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने अपने एक निकट सहयोगी की केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पिछले दिनों की गई गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोप हास्यपास्पद हैं तथा उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत परेशान किया जा रहा है।

सीबीआई ने पंजाब स्थित ‘तलवंडी साबो पावर लिमिटेड’ में कार्यरत चीन के 263 नागरिकों के वीजा मंजूर कराने के लिए 50 लाख रुपये की कथित रिश्वत के मामले में लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम के निकट सहयोगी एस. भास्कररमन को गत 18 मई को गिरफ्तार कर लिया था। रिश्वत का यह मामला 2011 का है, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

कार्ति ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘मैं किसी भी तरह से वीजा के मामले से नहीं जुड़ा हूं। मेरे खिलाफ लगाए गए सीबीआई के आरोप हास्यास्पद हैं। मैं सभी आरोपों को खारिज करता हूं।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्राथमिकी में उल्लेखित किसी भी कारपोरेट इकाई के साथ मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं इन कारपोरेट इकाइयों अथवा इनके प्रतिनिधियों के साथ किसी भी तरह से नहीं जुड़ा हूं। मैं स्पष्ट तौर पर कह सकता हूं कि मैं कभी भी किसी चीनी नागरिक की वीजा प्रक्रिया में मददगार नहीं रहा।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘पिछले सात वर्षों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बिना किसी सबूत के मेरे खिलाफ छह बार छापेमारी की गई है। ये एजेंसियां एक राजनीतिक दल के राजनीतिक प्रतिशोध को पूरा करने की मशीनरी बन गई हैं।’’

कार्ति ने आरोप लगाया, ‘‘मेरे साथ जुड़े पेशेवर लोगों को परेशान किया जा रहा है। उनके जीवन में खलल डाला जा रहा है और उनकी आजादी छीन ली गई है, जैसा कि मेरे साथ हुआ है। मेरे आनेजाने को नियंत्रित किया गया है। मुझे अपनी बेटी से मिलने जाने के लिए अदालतों के चक्कर काटने पड़ते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने महान देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। लेकिन यह उत्पीड़न करना, पीछे पड़ना नहीं है तो फिर क्या है?’’