नयी दिल्ली, 25 जनवरी। पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सेना के हमले के खिलाफ अपने सैनिकों का नेतृत्व करने वाले कर्नल बी. संतोष बाबू को मरणोपरांत दूसरे सबसे बड़े सैन्य सम्मान महावीर चक्र से नवाजा गया है।

सोमवार को की गई एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार उन्हें यह पदक शत्रु की उपस्थिति में अदम्य साहस का परिचय देने के लिए प्रदान किया गया है।

गलवान घाटी में हुई झड़प में शहीद हुए चार अन्य सैनिकों- नायब सूबेदार नुदुराम सोरेन, हवलदार (गनर) के. पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।

भारतीय सेना की तीन मीडियम रेजिमेंट के हवलदार तेजिंदर सिंह को भी वीर चक्र से नवाजा गया है।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल बाबू ने गंभीर रूप से घायल होने और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आगे बढ़कर नेतृत्व किया और शत्रु का सामना किया।

लद्दाख में भारतीय सेना ने ‘गलवान के वीरों’ के लिए पहले ही एक स्मारक बनाया है।

स्मारक पर ऑपरेशन ‘स्नो लेपर्ड’ के उन पराक्रमी योद्धाओं का उल्लेख है जिन्होंने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर किया।