नयी दिल्ली : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार के साथ जारी तनातनी के बीच शुक्रवार को कहा कि राज्यपाल का पद रबड़ स्टैम्प नहीं होता और अगर उनकी मंजूरी के लिए कुछ पेश किया जाता है, तो वह उसपर विचार करेंगे।

तीन साल से केरल के राज्यपाल पद पर आसीन खान ने यह भी कहा कि वह नहीं मानते हैं कि सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों को अपने राज्यपालों से समस्या है।

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं मानता कि सभी गैर-भाजपा शासित राज्यों को अपने राज्यपाल से समस्या है और मैं यह भी नहीं मानता कि भाजपा शासित राज्यों में सरकार और राज्यपाल के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। हाल के तीन निर्णयों में से एक पश्चिम बंगाल, एक केरल और एक गुजरात के बारे में है, जहां भाजपा की सरकार है। मुझे नहीं लगता कि हमें इन चीजों का सामान्यीकरण करना चाहिए। यहां तक कि भाजपा शासित राज्यों में भी कभी-कभी मतभेद होते रहे हैं...।"

वह उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित कुछ फैसलों का जिक्र कर रहे थे।

खान ने राज्यपाल को रबड़ स्टैम्प बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए यहां ‘टाइम्स नाउ समिट’ 2022 के दौरान कहा कि सवाल यह है कि राज्यपाल का पद क्यों होता है।

उन्होंने कहा, “आपने यह व्यवस्था की है, इसपर बहुत पैसा खर्च होता है क्या यह पद केवल इसलिए बनाया गया है कि आप बैठे रहें और रबड़ स्टैम्प की तरह व्यवहार करें। दिमाग न लगााएं? राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद की चौतरफा आलोचना होती थी। समाचार पत्रों में एक कार्टून प्रकाशित किया गया था जिसमें उन्हें नहाने के टब में बैठे दिखाया गया था और वह अपने परिचारक से हस्ताक्षर करने के लिए कुछ और अध्यादेश लाने को कह रहे थे।”

उन्होंने कहा, “आप राजभवन में रबड़ स्टैम्प क्यों नहीं रखते? कैबिनेट द्वारा कुछ अध्यादेश पारित किए जाने के बाद, मुख्यमंत्री राजभवन के एक विशेष कमरे में आएं, उस रबड़ स्टैंप को उठाएं और लगा दें।”

खान ने कहा कि अगर मंजूरी के लिए मेरे पास कुछ लाया जाता है तो मैं उसपर विचार करूंगा।