बेंगलुरु/नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस ब्रिटेन की आर्थिक तरक्की को समर्थन देने और अपने व्यापार का विस्तार करने के लिए वहां अगले तीन साल के दौरान एक हजार लोगों को नौकरी देगी।

इंफोसिस ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन में एक हजार नियुक्तियां क्लाउड, कंप्यूटिंग, डेटा और एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी और एंटरप्राइज सेवाओं में दी जाएंगी, ताकि डिजिटल क्षेत्र की यात्रा का समर्थन किया जा सके।

उसने कहा, ‘‘कंपनी नौसिखुआ को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के अवसर प्रदान करेगी। अलग-अलग प्रतिभा पूल सुनिश्चित करने और भविष्य के उद्योग लीडरों के कौशल का समर्थन करने के लिए ब्रिटेन के अग्रणी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से हाल ही में स्नातक करने वाले छात्रों को भी नियुक्त किया जाएगा।’’

इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष सलील पारेख ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष की घटनाओं ने डिजिटल कौशल की आवश्यकता को बढ़ा दिया है क्योंकि व्यवसायों ने तेजी से अपने डिजिटल परिवर्तन को गति दी है। डिजिटल फासले को भरना और गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा को हर नागरिक के लिए सुलभ बनाना मजबूत भविष्य के कर्मचारियों की स्थापना और ब्रिटेन की आर्थिक रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’

इसके अलावा बेंगलुरु स्थित आईटी समाधान कंपनी एमफैसिस भी ब्रिटेन में अपने पैर पसारने के लिये बैंकिंग और बीमा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए लंदन के बाहर एक केंद्र स्थापित करेगी। इसके लिए लिए वह ढाई करोड़ पाउंड का निवेश करेगी। एमफैसिस को उम्मीद है कि इस निवेश से शुरुआत में करीब एक हजार लोगों को नौकरी मिलेगी।

एमफैसिस के मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक नितिन राकेश ने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि एमफैसिस ने ब्रिटेन में निवेश करने वाली दिग्गज भारतीय कंपनियों में शामिल होने का निर्णय किया है। यह कदम हमारे तकनीकी क्षेत्र और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। मैं भविष्य में ब्रिटेन में हमारी उपस्थिति को बढ़ाने को लेकर उत्साहित हूं।’’

वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापार तथा निवेश नौकरियों का सृजन करने के साथ-साथ दोनों देशों में आजीविका कायम कर रहे हैं।’’

बोरिस ने कहा, ‘‘इंफोसिस का निवेश ब्रिटेन और उसके प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विश्वास मत है जो उसे क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और भविष्य में नौकरियों के सृजन में मदद करेगा। हमें ब्रिटेन के बेहतर निर्माण में मदद करने के लिए इंफोसिस जैसी कंपनियों की जरुरत है।’’