नयी दिल्ली : ट्विटर इंक ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के अनुपालन में स्थायी आधार पर एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ), स्थानीय शिकायत अधिकारी (आरजीओ) और नोडल संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति की है।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि इस संबंध में माइक्रोब्लॉगिंग मंच द्वारा दायर हलफनामा रिकॉर्ड में नहीं है। उसने ट्विटर से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इसे रिकॉर्ड में लाया जाए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि हलफनामे की प्रतियां अन्य पक्षों को दी गई हैं, जिसमें केंद्र के वकील भी शामिल हैं, जो 10 अगस्त को अपनी बात रखेंगे।

ट्विटर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने कहा कि कंपनी ने नए आईटी नियमों के अनुपालन में चार अगस्त को सीसीओ, आरजीओ और नोडल संपर्क व्यक्ति के पदों के लिए स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति की है और अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन में एक हलफनामा भी दायर किया है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा, ‘‘तो क्या वे अब अनुपालन में हैं?’’ इस पर केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है लेकिन हमें सत्यापित करने की आवश्यकता है।’’

इससे पूर्व दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर इंक के एक ‘‘अस्थायी कर्मी’’ को सीसीओ नियुक्त करने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि मोइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नये आईटी नियमों का पालन नहीं किया।

अदालत ने ट्विटर को न केवल सीसीओ की नियुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां देने को कहा था बल्कि आरजीओ की जानकारी देने के भी निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा था कि एक नोडल संपर्क व्यक्ति अभी तक क्यों नियुक्त नहीं किया गया और कब तक इस पद पर नियुक्ति होगी।

अदालत ने पहले ट्विटर को आईटी नियमों का अनुपालन करने के वास्ते हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया था। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा था कि ट्विटर भारत के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहा है।