नयी दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि जोखिम प्रबंधन कंपनी के डीएनए में होना चाहिए।

उन्होंने मॉडल जोखिम संहिता जारी करते हुए कहा कि जोखिम संहिता सिर्फ बड़ी कंपनियों के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि यह छोटी फर्मों के लिए भी होना चाहिए।

इस संहिता में जोखिम प्रबंधन के सर्वोत्तम अभ्यास और दिशानिर्देश हैं। इसमें दो प्रमुख पहलू शामिल हैं - जोखिम प्रबंधन के प्रमुख सिद्धांत और जोखिम प्रबंधन का कार्यान्वयन।

मॉडल जोखिम संहिता को फिक्की और वैश्विक जोखिम प्रबंधन संस्थान (जीआरएमआई) ने मिलकर तैयार किया है। इसे तैयार करने वाले कार्यबल के चेयरमैन दामोदरन हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कंपनियों को इस दिशा में आगे बढ़ाने के लिए मैं किसी नियम-कानून के पक्ष में नहीं हूं। संहिता की सफलता तब होगी, जब अधिक से अधिक कंपनियां इसे खुद स्वीकार करें।’’